Difference Between ipv4 And ipv6 in Hindi , जाने अंतर हिंदी में

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ipv4 vs ipv6 IP Address का पूरा नाम Internet Protocol Address है, ये एक ऐसा Address होता है जो हमे इंटरनेट पर Identify करता है, मान लो की आप जब कोई Online Purchase करते है तो आपको अपने घर का Address डालना होता है तो उसी Address को Identify करके वो Item आपके घर पर पहुँचता है..

आपको बता दे की उसी तरह Ip Address का काम Internet पर हम एक Identity देना होता है,ये काम आपका ISP करता है.. जैसा की आप जानते है, आपको Internet Use करने के लिए आपको किसी ISP से Contact करना परता है |

वो ISP पुरे वर्ल्ड में कही पे Wire और कही पे Wireless के Through Connected होते है, आपको ISP के Through आराम से Internet Use करने को मिलता है, वो ISP आपको एक IP Address देता है | जिसकी मदद से आप आसानी से इंटरनेट पर कही भी किसी भी साइट को Use कर सकते है |

ipv4 vs ipv6

आप जहा पर इंटरनेट से Suffering करते है, उस साइट को उसकी ISP भी Ip Address Provide करता है | उसकी मदद से वो कंटेंट इंटरनेट पर डालता है और उस Ip Address को Identify करके आपके IP के थ्रू आपका Browser उस साइट के Content को दिखता है,

आपको बता दे की अगर आप किसी साइट का नाम देख रहे जैसे की anytechinfo.Com तो आपको बता दे की ये इसका Convert किया हुआ Address है | इसका Original IP Address कुछ और है, जो की Use नहीं किया जाता है, क्यों की वो याद रखने के लायक नहीं.. है. इसका Original Ip Address कुछ इस टाइप का होता है.-  172.16.254.1..

लेकिन Domain Registration के Through हम उस IP को Convert कर के Name में Change कर देते है और फिर वो Internet पर एक Site बन जाता है तो हम कह सकते है की जैसे पूरी वर्ल्ड इंटरनेट के थ्रू Connected है.. तो इंटरनेट के थ्रू Connected हर एक गैजेट का एक अपना IP एड्रेस है | जो की इंटरनेट पर उसकी Identity देता है | अब आपका Concept जरूर Clear हो गया होगा की IP Address है क्या…

IPV4 Kya Hai ? what Is IPV4 In Hindi : ipv4 vs ipv6

जब नए नए में Internet को Start किया गया था तो उसके लिए हरेक Gadget को एक Address से Identify करना था तो उस टाइम  Ipv4 yani ki Internet Protocol Version 4 का Use किया गया था | लेकिन आपको बता दे की Ipv4 का उसे करके हम only 4,294,967,296 Gadgets ही Use कर सकते है | ये एक ३२ बिट साइज का Ip Adress है ,इसकी सुरुवात 1981 में हुआ था,

IPV6 Kya Hai ? what Is IPV6 In Hindi : ipv4 vs ipv6

जैसा की हमने पहले ही बताया की Ipv4 पे हम मात्रा 4,294,967,296 Ip ही Use कर सकते है | लेकिन अब आपको बता दू की ये Prediction Fail हो गयी क्यों की अब हरेक मनुष्य के पास अब ३-४ Gadgets होते है | अब Internet काफी Widely Use किया जा रहा है | तो अब ये Prediction Fail हो गयी है इसी कारन से अब Developers ने एक नयी Software को Develop किया है…

जिसे हम Ipv6 भी कह सकते है | Ipv6 में 3.403×1038इतने IP एड्रेस उसे किये जा सकते है | ये एक 128 बिट का साइज का ip एड्रेस है, इसकी सुरुवात 1999 में हुआ,

NAT Kya Hai, नाट क्या है, What Is Nat In Hindi : ipv4 vs ipv6

हम आपको बता दे NAT का पूरा नाम Network Address Translation  है | अब आप सोच रहे होंगे की NAT का काम क्या है | आपको बता दे IPV4 का जो स्पेस हमने बताया है | वो अब ख़तम हो चुक्का है लेकिन अभी भी हम IPV4 Use कर रहे है ये कैसे Possible है | यही काम है NAT का  जब भी कोई डिवाइस LAN में Connected में होती है | जिसकी मदद से वो इंटरनेट से Connect होती है तो वह पर NAT रहता ही रहता है |

जहा पर LAN रहेगा वह पर NAT रहता है | क्यों की अभी भी बहुत जगह IPV4 का ही Use  किया जाता है | क्यों की अभी भी बहुत सारे पुराने डिवाइस 32  बिट पर ही बने है, तो अगर हमे भी उनसे कनेक्ट रहने के लिए IPV4 का ही Use करना परता है | 1% से भी कम लोग अभी IPV6 Use कर रहे है, यही काम है NAT का वही हमारे IPV6 को Identify करता है और हमे एक पब्लिक IP देता है..

अगर आप Modern में किसी नए Device और Router आपने लिया है, आप गूगल पे सर्च कर के पता कर सकते है.. की आपका IP क्या है ? आप प्राइवेट IP और पब्लिक Ip दोनों देख सकते है | आप देखेंगे की पब्लिक IP का फॉर्म IPV4 है | प्राइवेट IP का फॉर्म IPV6 है तो यही काम आपका NAT करता है अगर आपका प्राइवेट IP IPV6 है | वो आपके प्राइवेट IP को IPV4 में कन्वर्ट कर देता है, जिसकी मदद से आप IPV4 वाले साइट से भी कनेक्टेड रह सकते है |

1. Dynamic NAT – आपको बता दे की Dynamic NAT का अर्थ इसके नाम से स्पष्ट हो रहा है | जब आपका IPV6 इंटरनेट को Request करता है, IPV4 वाले वेबसाइट को खोलने में तो NAT उसी वक़्त आपको एक Freely Available IPV4 दे देता है |

और फिर दुबारा जब आपका IPV6 रिक्वेस्ट करता है IPV4 वाले साइट को खोलने की फिर दुबारा वो एक अलग पब्लिक IPV4 Address दे देता है और इस प्रोसेस में आपका पब्लिक IP हर वक़्त चेंज होते रहते है, इसी कारन से इसे Dynamic NAT कहा जाता है |

2. Static NAT – Static NAT से हमारा अर्थ है की आपके प्राइवेट IP को हमेशा के लिए एक पब्लिक IP दे दिया जाता है, जिसकी मदद से आप हमेशा IPV4 वाले साइट को खोल कर देख सकते है, इसी कारन से इसे हम Static NAT कहते है |

अब हम आपको बता दे की ANY TECH INFO ने इस पर काफी रिसर्च करने के बाद आपको उसे पूरी जानकारी देने का प्रयत्न किया है | हम चाहते तो इस पोस्ट में हम ऐसे Words भी Use कर सकते थे जिसको समझने आपको परेशानी हो हमने इस पोस्ट को सिंपल तरीके से प्रेजेंट किया है, क्यों की हमारा काम आपको जानकारी देने के साथ साथ समझाना भी है..

तो ये थी कुछ बाते जो हमने आपको बताये Ip Address के बारे में, लेकिन आपको बता दे की अगर आप अपना Ip Address Change करके किसी Type का Cyber Crime करना चाहते है तो आपको बता दे आप Simply पकड़े जा सकते है,ये Easily Tress किया जा सकता है तो आप ऐसा बिलकुल न करे |

2 कॉमेंट्स

  1. Maine galti se apne laptop me cmd me diskpart me jaake list disk kiya fir mera 465gb wala disk show hua ushe maine select karke clean kar diya jisse mera disk partition gayab ho gaya

    AB mai disk aur data ko kaise recover karu plz help me

    • dsik to mil jayega data recover ka gurantry nahi le sakta kyuki ye kai fector par depend karta hai aap ek kam kijiye youtube par search kijiye waha aapko tutorial mil jayega,, ho sake to apne aas-pass ke computer expert ke pass jaye

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